बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती एक बार फिर मुसलमानों का भरोसा जीतने की कोशिश
दलित-मुस्लिम भाईचारा कमेटी की बैठक
उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे। लेकिन, उसके लिए अभी से ही तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती एक बार फिर मुसलमानों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही हैं।
दरअसल, 29 अक्टूबर को पार्टी के लखनऊ कार्यालय पर दलित-मुस्लिम भाईचारा कमेटी की बैठक में मायावती ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे मुसलमानों के बीच जाकर काम करें। वे उन्हें यह भरोसा दिलाने की कोशिश करें कि मुसलमानों का भविष्य बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में ही सुरक्षित है। वे मुसलमानों को उन कार्यों की लिखित जानकारी दें जो मायावती ने मुसलमानों के लिए किए थे।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि, क्या मुसलमान एक बार फिर बसपा के साथ जाएगा? प्रश्न यह भी उठता है कि, मायावती की ये कोशिशें कितनी सफल होंगी? 2007 में दलित-ब्राह्मण और मुसलमान समीकरण के सहारे ही मायावती ने सफलता पाई थी। यदि मुसलमान मायावती के साथ गया तो इससे राहुल गांधी और अखिलेश यादव को कितना नुकसान होगा
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