सोमवार, 28 दिसंबर 2020

वाहनों पर जाति लिखने पर पाबंदी, चालान कटेगा

लखनऊ। राजधानी में जाति सूचक शब्द वाहनों पर लिखने के मामले में सबसे पहला चालन 'सक्सेनाजी' लिखी कार का काटा गया। नाका कोतवाली की पुलिस में यह चलन रविवार को दुर्गापुरी मेट्रो स्टेशन के पास बने चेक पोस्ट पर किया। पुलिस ने यह कार्यवाई प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी जातिसूचक शब्दों के वाहनों पर इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश के बाद की। मालूम हो कि प्रदेश में कार, बाइक, ट्रक, ट्रैक्टर, स्कूटी व रिक्शा पर जाति सूचक शब्द लिखने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। हालांकि इस पर पहले से ही एमवी एक्ट की धारा 177 में प्रावधान है। लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री कार्यालय में स्थित की थी कि वाहनों पर जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल से सामाजिक ताने-बाने को खतरा हो रहा है।इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय से सभी राज्यों को इस पर सख्ती से रोक लगाने का आदेश जारी हुआ। इसके बाद प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त ने जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र जारी कर विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। 

इसके तहत रविवार को नाका कोतवाली में तैनात दरोगा दीपक कुमार अशोक दुर्गापुरी मेट्रो स्टेशन के पास बनी चेकपोस्ट पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान वहां से निकली एक कार सवार को रोककर कागजात मांगे गए। इस दौरान टीम की निगाह कार की पिछले शीशे पर लिखी जाति सूचक शब्द 'सक्सेनाजी' पर पड़ी। इसके बाद पुलिस ने कार का चालान धारा-177 के तहत काट दिया।

'नोएडा दर्पण' भी सरकार की इस मुहीम में साथ है और उन वाहनों की तस्वीरें समाचार पत्र और वेबसाइट पर छापी जाएगी जो इस नियम का पालन नहीं करेगा। 

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