टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल डेटा महंगा करेगी

2016 में जियो के आने के बाद से अब तक तो सिर्फ कीमतों में कटौती की खबरें आई थीं। टेलिकॉम क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि तीन महीनों में ही डेटा-टैरिफ तीस फीसदी तक महंगा हो सकता है। जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया पहले ही कह चुकी हैं कि दिसंबर में वे दाम बढ़ाने वाली हैं।   टेलिकॉम कंपनियों के इस संकट के मूल में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) का विवाद छिपा है।


2005 में  सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने सरकार की इस परिभाषा को अदालत में चुनौती दी।  अब इसी 14 साल पुराने केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है।  जिसमें उसने कंपनियों को 92 हजार करोड़ रुपए चुकाने का आदेश दिया है। इसी के चलते टेलिकॉम कंपनियां चिंतित हैं।


सरकार ने भी कंपनियों की मदद के लिए कमेटी बनाई, जिसके बाद कंपनियों को दो साल की मोहलत मिल गई।  एजीआर का सबसे बड़ा नुकसान वोडाफोन को उठाना पड़ सकता है। इसकी वजह से  वोडाफोन-आइडिया को 50,921 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा है। जो कि काॅपोर्रेट इतिहास में अब तक सर्वाधिक है।    


कंपनियों की इस खस्ता हालत का असर 5जी की तैयारियों पर भी पड़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार देश में अब 2022 से ही 5जी सब्सक्रिप्शन शुरू हो पाएंगे।  इतना ही नहीं,  कंपनियां 5जी स्पेक्ट्रम की कीमतों को घटाने की भी सरकार से मांग कर रही हैं।


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