गुरुवार, 25 जुलाई 2024

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माइक्रोसॉफ़्ट के कंप्यूटरों में गड़बड़ी से बच गया चीन?

 शुक्रवार को साइबर सिक्योरिटी फ़र्म क्राउडस्ट्राइक के एक अपडेट की वजह से माइक्रोसॉफ़्ट सिस्टम से चलने वाले कंप्यूटरों पर ब्लू स्क्रीन दिखाई देने लगे और दुनिया के कई हिस्सों में विमान सेवाएं और दूसरी बिज़नेस सर्विस बाधित होने लगीं तो चीन इससे बचा हुआ था.

आख़िर इसकी वजह क्या थी? चीन ने ऐसा क्या किया कि उस पर दुनिया भर में फैली इस अफ़रा-तफ़री का असर ना के बराबर हुआ. इसका जवाब बड़ा आसान है. दरअसल चीन में क्राउडस्ट्राइक का शायद ही इस्तेमाल होता है.

दंगों में पुलिस दोषियों को बचाने की कर रही है कोशिश: हाई कोर्ट

 दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को 2020 दिल्ली दंगों में मारे गए 23 साल के फ़ैज़ान की हत्या का केस केंद्रीय जाँच ब्यूरो यानी सीबीआई को सौंप दिया.

इन दंगों में 53 लोगों की जान गई थी. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक़, मरने वालों में 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे. फ़ैज़ान इन 53 लोगों में से एक थे.

दंगों के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे कुछ पुलिसवाले पाँच लड़कों को पीटते नज़र आ रहे थे और उन्हें राष्ट्रगान गाने को कह रहे थे. फैज़ान उन पाँच लोगों में से एक थे.

बीजेपी में समीक्षा और चिंतन का दौर शुरू हुआ

 लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गहमागहमी लगातार बढ़ रही है. बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल करने में नाकाम रही और इसमें सबसे बड़ी भूमिका रही उत्तर प्रदेश की.

एक समय उत्तर प्रदेश में अपना वर्चस्व स्थापित करने वाली पार्टी बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर खिसक गई. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से ज़्यादा सीटें हासिल की. इसी के साथ बीजेपी में समीक्षा और चिंतन का दौर शुरू हुआ और कहीं न कहीं निशाने पर आ गए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. लोकसभा चुनाव के नतीजे ने ओबीसी वोट को लेकर बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. ओबीसी और दलित मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी से खिसक गया है.

इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी काफ़ी सक्रिय हो गए हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी के अंदर ओबीसी नेता काफ़ी चिंतित हैं.

राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का बदला गया नाम

 राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ के नाम बदलकर ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ कर दिए गए हैं. राष्ट्रपति भवन से जारी एक प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों,‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ कर दिया है.”


राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में ही राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाते रहे हैं. वहीं अशोक हॉल, सम्राट अशोक की स्मृति को समर्पित है. यह मूल रूप से एक बॉलरूम था.

ट्रंप ने चुनाव से पहले भारत पर साधा निशाना

 डोनाल्ड ट्रंप जब 2016 में पहली बार राष्ट्रपति बने तो भारत की कई नीतियों पर अपनी आपत्ति जता चुके थे. एक बार फिर से वह चुनावी मैदान में हैं और भारत पर निशाना साधने लगे हैं. ये अलग बात है कि भारत के कुछ हिन्दूवादी संगठन ट्रंप को लेकर उत्साहित रहते हैं.

ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं और इन दिनों चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. पिछले हफ़्ते ही मिशिगन की एक चुनावी रैली में ट्रंप चीन पर बात करते हुए भारत की आर्थिक नीति पर बरस पड़े.

मंगलवार, 23 जुलाई 2024

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नोएडा गोल्फ कोर्स: सचिव को नियमों के विरुद्ध सेवा विस्तार को लेकर विवाद

दर्पण संवाददाता:  नोएडा प्राधिकरण की ही तरह नोएडा गोल्फ कोर्स भी विवादों की जगह बन गई है। आरोप है कि नोएडा गोल्फ कोर्स के सचिव का सेवा विस्तार सहित 6 वर्षों का कार्यकाल पूरा हो गया है तथा नियमों के अनुसार उन्हें एक भी दिन की अतिरिक्त तन्खा अथवा बिस्तर नहीं दिया जा सकता। 

आरोप है कि इसके बावजूद मौजूदा सचिव हर प्रयास कर रहे हैं तथा सेवा विस्तार के लिए दो-तीन चक्कर लखनऊ तक के लगा चुके हैं। नोएडा गोल्फ कोर्स के नियमों के अनुसार नोएडा गोल्फ कोर्स के सचिव को केवल 3 वर्षों का ही एकमात्र सेवा विस्तार दिया जा सकता है जो दो माह पहले पूरा हो चुका है। गोल्फ कोर्स के मौजूद सदस्यों के अनुसार पिछले कई वर्षों से गोल्फ क्लब में AGM का आयोजन भी नहीं किया गया जिसमें क्लब के कार्य तथा वित्तीय लेखा जोखा प्रस्तुत किया जाता है जो कि गैरकानूनी है तथा सरकार को इससे अवगत करा दिया गया है। सदस्यों ने यह भी बताया कि अगर कोई नियमों में फेरबदल किया जाना है तो वह केवल और केवल एजीएम में ही किया जा सकता है। 

गौरतलब है कि सचिव का पूरा कायर्काल विवादों में रहा है तथा कई सदस्यों के साथ सचिव मारपीट मारपीट कर चुके हैं वह कई बार क्लब में भी झगड़ा हो चुके हैं। 

मंगलवार, 9 जुलाई 2024

★★★कौन कहता है कि भारत की खोज वास्को डी गामा ने की ,क्यों पढ़ाया जाता है फर्जी इतिहास।★★★

√●भारतवर्ष को अंग्रेजों ने नहीं खोजा था, यह सनातन है और इसके साक्ष्य भी हैं

√●इतिहास हमेशा विजित द्वारा लिखा जाता है और वह इतिहास नहीं विजित की गाथा होती है। भारत के साथ भी यही हुआ है पहले इस्लामिक आक्रमण और ८०० वर्षों शासन और फिर अंग्रेज़ो के २०० वर्ष तक के शासन ने इस देश के इतिहास लेखन को इस तरह से प्रभावित किया कि आज भी लोगों को यही लगता है कि India को ब्रिटिश ने बनाया। लोगों के मन में यह हीन भावना बैठी हुई है कि ब्रिटिश के आने से पहले भारत या India था ही नहीं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अभिनेता और अपने आप को ‘History_Buff’ कहने वाले सैफ अली खान ने ये कह दिया कि मुझे नहीं लगता है India जैसा कोई कान्सैप्ट ब्रिटिश के आने से पहले था के नहीं। यह कोई हैरानी की बात नहीं है। पिछले ७० वर्षों में जिस तरह से इतिहास को उसी इस्लामिक और ब्रिटिश को केंद्र में रख कर पढ़ाया गया है ये उसी का परिणाम है। ब्रिटिश काल के इतिहासकारों ने अपने हिसाब से ही इतिहास लिखा जैसा एक विजित लिखता है यानि अपने ही गुणगान में। उनके द्वारा किताबों में यह जानबूझकर लिखा गया जिससे पढ़ने वालों को यह लगे कि उनके आने से पहले भारत नाम का कोई देश ही नहीं था और जो भी बनाया गया वह सिर्फ और सिर्फ ब्रिटिशर्स की देन है। उनके बाद हमारे देश के चाटुकार इतिहासकारों ने भी उसी को आधार बनाकर उनका गुणगान किया। इस वजह से आज हमारे देश में जो भी इतिहास पढ़ाया जाता है उसे पढ़ कर यही भावना आती है कि ब्रिटिश के आने से पहले भारत या India था ही नहीं।

√●भारत कोई ७० वर्ष पुराना देश नहीं है। यह हजारों वर्षों पुरानी एक सभ्यता है जिसकी पहचान भौगोलिक अवस्थिति से होती है। भारत के रहने वाले इतने पुराने है कि इसे सनातन यानि जो सदा से यानि अविरल समय से चला आ रहा है।

विष्णु पुराण में स्पष्ट लिखा है:

"उत्तरं यत समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणं।
वर्ष तद भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः।।"

√●इसका अर्थ यह है कि “समुद्र के उत्तर से ले कर हिमालय के दक्षिण में जो देश है वही भारत है और यहाँ के लोग भारतीय हैं”

√●सबसे पहले बात करते हैं पृथ्वी के भूगोल यानि ज्योग्राफी की। आज हमे वर्तमान की ज्योग्राफी में यह पढ़ाया जाता है कि पैंजिया पृथ्वी का पहला महाद्वीप या यूं कहे सुपर महाद्वीप था। अन्य सभी नवीन महाद्वीप (एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, अंटार्कटिका एवं ऑस्ट्रेलिया) का जन्मदाता भी यही महाद्वीप है। टेकटोनिक प्लेट्स के movement के कारण पैंजिया महाद्वीप में खंडन हुआ और यह टूटकर इन ७ महाद्वीपों में बंट गया।

√●गोंडवाना पैंजिया के दक्षिणी भाग को कहते हैं। गोंडवाना भूमि में प्रायद्वीप भारत, दक्षिणी अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका और अंटार्कटिका समाहित है। अंगारा पैंजिया के उत्तरी भाग को कहते हैं। अंगारा भूमि में एशिया (प्रायद्वीपीय भारत को छोड़कर), उत्तरी अमेरिका एवं यूरोप समाहित है।

√●अब देखते है कि हमारे वेद-पुराणों में क्या लिखा है।

√●मत्स्यमहापुराण में सभी सात प्रधान महाद्वीपों के बारे में बताया गया है। सात द्वीपों में जम्बूद्वीप, प्लक्षद्वीप,शाल्मलद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंच द्वीप, शाकद्वीप तथा पुष्करद्वीप का वर्णन है। जम्बूद्वीप का विस्तार से भौगोलिक वर्णन है। आज जिसे एशिया कहा जाता है वही जम्बूद्वीप के नाम से जाना जाता था।

√●जम्बूद्वीप को बाहर से लाख योजन वाले खारे पानी के वलयाकार समुद्र ने चारों ओर से घेरा हुआ है। जम्बू द्वीप का विस्तार एक लाख योजन है। जम्बू (जामुन) नामक वृक्ष की इस द्वीप पर अधिकता के कारण इस द्वीप का नाम जम्बू द्वीप रखा गया था।

"जम्बूद्वीप: समस्तानामेतेषां मध्य संस्थित:,
भारतं प्रथमं वर्षं तत: किंपुरुषं स्मृतम्‌,
हरिवर्षं तथैवान्यन्‌मेरोर्दक्षिणतो द्विज।
रम्यकं चोत्तरं वर्षं तस्यैवानुहिरण्यम्‌,
उत्तरा: कुरवश्चैव यथा वै भारतं तथा।
नव साहस्त्रमेकैकमेतेषां द्विजसत्तम्‌,
इलावृतं च तन्मध्ये सौवर्णो मेरुरुच्छित:।
भद्राश्चं पूर्वतो मेरो: केतुमालं च पश्चिमे।
एकादश शतायामा: पादपागिरिकेतव: जंबूद्वीपस्य सांजबूर्नाम हेतुर्महामुने।"
         (विष्णु पुराण)

√●भारतवर्ष का अर्थ है राजा भरत का क्षेत्र और इन्ही राजा भरत के पुत्र का नाम सुमति था ! इस विषय में वायु पुराण कहता है—

"सप्तद्वीपपरिक्रान्तं जम्बूदीपं निबोधत।
अग्नीध्रं ज्येष्ठदायादं कन्यापुत्रं महाबलम।।
प्रियव्रतोअभ्यषिञ्चतं जम्बूद्वीपेश्वरंनृपम्।।
तस्य पुत्रा बभूवुर्हि प्रजापतिसमौजस:।
ज्येष्ठो नाभिरिति ख्यातस्तस्य किम्पुरूषोअनुज:।।
नाभेर्हि सर्गं वक्ष्यामि हिमाह्व तन्निबोधत।"

√●ऋग्वेद में आर्यों के निवास स्थान को ‘सप्तसिंधु’ प्रदेश कहा गया है। ऋग्वेद के नदी सूक्त (१०.७५) में आर्य निवास में प्रवाहित होने वाली नदियों का वर्णन मिलता है, जो मुख्‍य हैं:- कुभा (काबुल नदी), क्रुगु (कुर्रम), गोमती (गोमल), सिंधु, परुष्णी (रावी), शुतुद्री (सतलज), वितस्ता (झेलम), सरस्वती, यमुना तथा गंगा। उक्त संपूर्ण नदियों के आसपास और इसके विस्तार क्षेत्र तक आर्य रहते थे। इसके अलावा महाभारत में पृथ्वी का वर्णन आता है।

"सुदर्शनं प्रवक्ष्यामि द्वीपं तु कुरुनन्दन।
परिमण्डलो महाराज द्वीपोऽसौ चक्रसंस्थितः॥
यथा हि पुरुषः पश्येदादर्शे मुखमात्मनः।
एवं सुदर्शनद्वीपो दृश्यते चन्द्रमण्डले॥
द्विरंशे पिप्पलस्तत्र द्विरंशे च शशो महान्।।"
    (वेदव्यास, भीष्म पर्व, महाभारत)

√●हिन्दी अर्थ : हे कुरुनन्दन! सुदर्शन नामक यह द्वीप चक्र की भांति गोलाकार स्थित है, जैसे पुरुष दर्पण में अपना मुख देखता है, उसी प्रकार यह द्वीप चन्द्रमण्डल में दिखाई देता है। इसके दो अंशों में पिप्पल और दो अंशों में महान शश (खरगोश) दिखाई देता है।

√●अर्थात : दो अंशों में पिप्पल का अर्थ पीपल के दो पत्तों और दो अंशों में शश अर्थात खरगोश की आकृति के समान दिखाई देता है। आप कागज पर पीपल के दो पत्तों और दो खरगोश की आकृति बनाइए और फिर उसे उल्टा करके देखिए, आपको धरती का मानचित्र दिखाई देखा।

√●ब्रह्म पुराण, अध्याय १८ में जम्बूद्वीप के महान होने का प्रतिपादन है-

"तपस्तप्यन्ति यताये जुह्वते चात्र याज्विन।।
दानाभि चात्र दीयन्ते परलोकार्थ मादरात्॥ २१॥
पुरुषैयज्ञ पुरुषो जम्बूद्वीपे सदेज्यते।।
यज्ञोर्यज्ञमयोविष्णु रम्य द्वीपेसु चान्यथा॥ २२॥
अत्रापि भारतश्रेष्ठ जम्बूद्वीपे महामुने।।
यतो कर्म भूरेषा यधाऽन्या भोग भूमयः॥२३॥"

√●अर्थात भारत भूमि में लोग तपश्चर्या करते हैं, यज्ञ करने वाले हवन करते हैं तथा परलोक के लिए आदरपूर्वक दान भी देते हैं। जम्बूद्वीप में सत्पुरुषों के द्वारा यज्ञ भगवान् का यजन हुआ करता है। यज्ञों के कारण यज्ञ पुरुष भगवान् जम्बूद्वीप में ही निवास करते हैं। इस जम्बूद्वीप में भारतवर्ष श्रेष्ठ है। यज्ञों की प्रधानता के कारण इसे (भारत को) को कर्मभूमि तथा और अन्य द्वीपों को भोग- भूमि कहते हैं।

√●इसी तरह अगर शक्तिपीठों का भौगोलिक स्थिति देखे तो वे बलूचिस्तान से लेकर त्रिपुरा, कश्मीर से कन्याकुमारी / जाफना तक फैले हुए हैं। यह एक बनावटी स्थिति नहीं है।

√●इतना ही नहीं जब हम अपने घरों में पुजा अर्चना के दौरान संकल्प लेते है तो उस दौरान प्रयोग में लाया जाने वाला मंत्र भी यही कहता है, जम्बू द्वीपे भारतखंडे आर्याव्रत देशांतर्गते। इस पंक्ति में मनुष्य के रहने के स्थान तथा उसके बारे में जानकारी दी जाती है जो पूजा करा रहा है।

√●इससे स्पष्ट होता है कि भारत भूमि ७० वर्ष पहले नहीं बल्कि हजारों वर्ष पुरानी है। अंग्रेजों ने १९४७ में इसी भूमि को ३ टुकड़ों में बाँट दिया था जिससे सभी को यह लगता है कि अंग्रेजों ने भारत को बनाया। आधिकारिक तौर भारत का नाम “भारत गणराज्य” या “रिपब्लिक ऑफ इंडिया” के नाम से जाना जाता है। संविधान के अनुच्छेद १(१) में स्पष्ट लिखा है कि India, that is Bharat, shall be a Union of States. यह एक मात्र ऐसा अनुच्छेद है जो भारत के नाम के बारे में उल्लेख करता है। इसी तरह १३ वीं शताब्दी के बाद, “हिंदुस्तान” शब्द का प्रयोग भारत के लिए एक लोकप्रिय वैकल्पिक नाम के रूप में किया जाने लगा, जिसका अर्थ है “हिंदुओं की भूमि”। लेकिन जितने भी आक्रमणकारी भारत आए सभी एक अलग संस्कृति से थे इसलिए उन्होंने हमारी सनातन संस्कृति को “हिन्दू धर्म” कहने लगे। तब से इस सनातन धर्म को हिन्दू धर्म के रूप में प्रचारित किया जाने लगा। वास्तविकता देखें तो पता चलता है कि जो भी सिंधु नदी के पार रहते हैं वे सभी हिन्दू हैं और ये कोई संप्रदाय नहीं है। अंगेज़ों ने जो लिखा वही लगातार पढ़ाये जाने आए यह बात भारत के लोगों के मन में कि भारत को अंग्रेजों ने बानया है। अब लोगों को इन कपोलकल्पित इतिहास से ऊपर उठ कर वास्तविकता को जानना चाहिए और अपने महान मातृभूमि पे गर्व करना चाहिए।

√●शास्त्रीय विद्वान आदरणीय अरुण उपाध्याय जी द्वारा की गई टिप्पणी से विषय वस्तु स्पष्ट हो जाती है, उनकी टिप्पणी के माध्यम से प्राप्त जानकारी निम्नानुसार प्रस्तुत है:

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√●आकाश में सृष्टि के ५ पर्व हैं-१०० अरब ब्रह्माण्डों का स्वयम्भू मण्डल, १०० अरब तारों का हमारा ब्रह्माण्ड, सौरमण्डल, चन्द्रमण्डल (चन्द्रकक्षा का गोल) तथा पृथ्वी। किन्तु लोक ७ हैं-भू (पृथ्वी), भुवः (नेपचून तक के ग्रह) स्वः (सौरमण्डल १५७ कोटि व्यास, अर्थात् पृथ्वी व्यास को ३० बार २ गुणा करने पर), महः (आकाशगंगा की सर्पिल भुजा में सूर्य के चतुर्दिक् भुजा की मोटाई के बराबर गोला जिसके १००० तारों को शेषनाग का १००० सिर कहते हैं), जनः (ब्रह्माण्ड), तपः लोक (दृश्य जगत्) तथा अनन्त सत्य लोक।

√●इसी के अनुरूप पृथ्वी पर भी ७ तल तथा ७ लोक हैं। उत्तरी गोलार्द्ध का नक्शा (नक्षत्र देख कर बनता है, अतः नक्शा) ४ भागों में बनता था। इसके ४ रंगों को मेरु के ४ पार्श्वों का रंग कहा गया है। ९०°-९०° अंश देशान्तर के विषुव वृत्त से ध्रुव तक के ४ खण्डों में मुख्य है भारत, पश्चिम में केतुमाल, पूर्व में भद्राश्व, तथा विपरीत दिशा में उत्तर कुरु। इनको पुराणों में भूपद्म के ४ पटल कहा गया है।

√●ब्रह्मा के काल (२९१०२ ई.पू.) में इनके ४ नगर परस्पर ९०° अंश देशान्तर दूरी पर थे-पूर्व भारत में इन्द्र की अमरावती, पश्चिम में यम की संयमनी (यमन, अम्मान, सना), पूर्व में वरुण की सुखा तथा विपरीत में चन्द्र की विभावरी। वैवस्वत मनु काल के सन्दर्भ नगर थे, शून्य अंश पर लंका (लंका नष्ट होने पर उसी देशान्तर रेखा पर उज्जैन), पश्चिम में रोमकपत्तन, पूर्व में यमकोटिपत्तन तथा विपरीत दिशा में सिद्धपुर।

√●दक्षिणी गोलार्द्ध में भी इन खण्डों के ठीक दक्षिण ४ भाग थे। अतः पृथ्वी अष्ट-दल कमल थी, अर्थात् ८ समतल नक्शे में पूरी पृथ्वी का मानचित्र होता था। गोल पृथ्वी का समतल नक्शा बनाने पर ध्रुव दिशा में आकार बढ़ता जाता है और ठीक ध्रुव पर अनन्त हो जायेगा। उत्तरी ध्रुव जल भाग में है (आर्यभट आदि) अतः वहां कोई समस्या नहीं है। पर दक्षिणी ध्रुव में २ भूखण्ड हैं-जोड़ा होने के कारण इसे यमल या यम भूमि भी कहते हैं और यम को दक्षिण दिशा का स्वामी कहा गया है। इसका ८ भाग के नक्शे में अनन्त आकार हो जायेगा अतः इसे अनन्त द्वीप (अण्टार्कटिका) कहते थे। ८ नक्शों से बचे भाग के कारण यह शेष है।

√●विष्णु पुराण (२/८)-

"मानसोत्तर शैलस्य पूर्वतो वासवी पुरी।
दक्षिणे तु यमस्यान्या प्रतीच्यां वारुणस्य च। उत्तरेण च सोमस्य तासां नामानि मे शृणु॥८॥
वस्वौकसारा शक्रस्य याम्या संयमनी तथा। पुरी सुखा जलेशस्य सोमस्य च विभावरी।९।
शक्रादीनां पुरे तिष्ठन्स्पृशत्येष पुर त्रयम्। विकोणौ द्वौ विकोणस्थस्त्रीन् कोणान् द्वे पुरे तथा।॥१६॥
उदितो वर्द्धमानाभिरामध्याह्नात्तपन् रविः। ततः परं ह्रसन्ती भिर्गोभिरस्तं नियच्छति॥१७॥
एवं पुष्कर मध्येन यदा याति दिवाकरः। त्रिंशद्भागं तु मेदिन्याः तदा मौहूर्तिकी गतिः।२६॥
सूर्यो द्वादशभिः शैघ्र्यान् मुहूर्तैर्दक्षिणायने। त्रयोदशार्द्धमृक्षाणामह्ना तु चरति द्विज।
मुहूर्तैस्तावद् ऋक्षाणि नक्तमष्टादशैश्चरन्॥३४॥'

√●सूर्य सिद्धान्त (१२/३८-४२)-
"भू-वृत्त-पादे पूर्वस्यां यमकोटीति विश्रुता। भद्राश्व वर्षे नगरी स्वर्ण प्राकार तोरणा॥३८॥
याम्यायां भारते वर्षे लङ्का तद्वन् महापुरी। पश्चिमे केतुमालाख्ये रोमकाख्या प्रकीर्तिता॥३९॥
उदक् सिद्धपुरी नाम कुरुवर्षे प्रकीर्तिता (४०) भू-वृत्त-पाद विवरास्ताश्चान्योऽन्यं प्रतिष्ठिता (४१)
तासामुपरिगो याति विषुवस्थो दिवाकरः। नतासु विषुवच्छाया नाक्षस्योन्नतिरिष्यते॥४२॥"

√●भारत भाग में आकाश के ७ लोकों की तरह ७ लोक थे। बाकी ७ खण्ड ७ तल थे-अतल, सुतल, वितल, तलातल, महातल, पाताल, रसातल। अतल = भारत के पश्चिम उत्तर गोल। तलातल = अतल के तल या दक्षिण में।

√●सुतल = भारत के पूर्व, उत्तर में। वितल = सुतल के दक्षिण।

√●पाताल = सुतल के पूर्व, भारत के विपरीत, उत्तर गोल। रसातल = पाताल के दक्षिण (उत्तर और दक्षिण अमेरिका मुख्यतः)

√●महातल = भारत के दक्षिण, कुमारिका खण्ड समुद्र।

√●विष्णु पुराण (२/५)-
"दशसाहस्रमेकैकं पातालं मुनिसत्तम।
अतलं वितलं चैव नितलं च गभस्तिमत्। महाख्यं सुतलं चाग्र्यं पातालं चापि सप्तमम्॥२॥
शुक्लकृष्णाख्याः पीताः शर्कराः शैल काञ्चनाः। भूमयो यत्र मैत्रेय वरप्रासादमण्डिताः॥३॥
पातालानामधश्चास्ते विष्णोर्या तामसी तनुः। शेषाख्या यद्गुणान्वक्तुं न शक्ता दैत्यदानवाः॥१३॥
योऽनन्तः पठ्यते सिद्धैर्देवो देवर्षि पूजितः। स सहस्रशिरा व्यक्तस्वस्तिकामलभूषणः॥१४॥
नीलवासा मदोत्सिक्तः श्वेतहारोपशोभितः। साभ्रगङ्गाप्रवाहोऽसौ कैलासाद्रिरिवापरः॥१७॥
कल्पान्ते यस्य वक्त्रेभ्यो विषानलशिखोज्ज्वलः। सङ्कर्षणात्मको रुद्रो निष्क्रामयात्ति जगत्त्रयम्॥१९॥
यस्यैषा सकला पृथ्वी फणामणिशिखारुणा। आस्ते कुसुममालेव कस्तद्वीर्यं वदिष्यति॥२२॥"

√●ब्रह्माण्ड पुराण (१/२/२०)-
"परस्परैः सोपचिता भूमिश्चैव निबोधत॥९॥
स्थितिरेषा तु विख्याता सप्तमेऽस्मिन् रसातले। दशयोजन साहस्रमेकं भौमं रसातलम्॥१०॥
प्रथमः तत्वलं नाम सुतलं तु ततः परम्॥११॥
ततस्तलातलं विद्यादतलं बहुविस्तृतम्। ततोऽर्वाक् च तलं नाम परतश्च रसातलम्॥१२॥
एतेषमप्यधो भागे पातालं सप्तमं स्मृतम्।"

√●भागवत पुराण (५/२४/७)- 
"उपवर्णितं भूमेर्यथा संनिवेशावस्थानं अवनेरत्यधस्तात् सप्त भूविवरा एकैकशो योजनायुतान्तरेणायामं विस्तारेणोपक्लृप्ता-अतलं वितलं सुतलं तलातलं महातलं रसातलं पातालमिति॥७॥"

√●भागवत पुराण (५/२५)-
"अस्य मूलदेशे त्रिंशद् योजन सहस्रान्तर आस्ते या वै कला भगवतस्तामसी
समाख्यातानन्त इति सात्वतीया द्रष्टृ दृश्ययोःसङ्कर्षणमहमित्यभिमान लक्षणं यं सङ्कर्षणमित्याचक्ष्यते॥१॥
यस्येदं क्षितिमण्डलं भगवतोऽनन्तमूर्तेः सहस्रशिरस एकस्मिन्नेव शीर्षाणि ध्रियमाणं सिद्धार्थ इव लक्ष्यते॥२॥"

√●वास्तविक भूखण्डों के हिसाब से ७ द्वीप थे-जम्बू (एसिया), शक (अंग द्वीप, आस्ट्रेलिया), कुश (उत्तर अफ्रीका), शाल्मलि (विषुव के दक्षिण अफ्रीका), प्लक्ष (यूरोप), क्रौञ्च (उत्तर अमेरिका), पुष्कर (दक्षिण अमेरिका)। इनके विभाजक ७ समुद्र हैं।

√●यह ऐतिहासिक पौराणिक लेख तीन विद्वानों द्वारा प्राचीन वाग्मय के आधार पर लिखा गया है संशोधित किया गया है जो प्राचीन ऐतिहासिक संदर्भों को प्रदर्शित करता है। 

शनिवार, 6 जुलाई 2024

किएर स्टार्मर: ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री

 14 साल बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी हो रही है और वो भी ऐतिहासिक जीत के साथ.

लेबर पार्टी अब तक 411 सीटें जीत चुकी है और ऋषि सुनक के नेतृत्व में कंज़र्वेटिव पार्टी 119 सीटें ही जीत सकी है. ब्रिटेन में 650 सीटों में से सरकार बनाने के लिए 326 सीटों का आँकड़ा पार करना होता है. यानी लेबर पार्टी को बहुमत मिल गया है.

सुधारवादी नेता मसूद पेज़ेश्कियान होंगे ईरान के नए राष्ट्रपति

 ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में सुधारवादी नेता मसूद पेज़ेश्कियान को जीत मिली है. उन्होंने कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को हरा दिया है. चुनाव नतीजों के मुताबिक़ अब तक गिने गए तीन करोड़ वोटों में से डॉ. मसूद पेज़ेश्कियान को 53.3 फ़ीसदी वोट मिले हैं जबकि जलीली को 44.3 फ़ीसदी वोट मिले हैं.

28 जून को पहले दौर की वोटिंग में किसी भी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला था.उस दौरा न ईरान में अब तक की सबसे कम 40 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी.

शुक्रवार, 5 जुलाई 2024

'कांवड़ियों के लिए जगह लेकिन सड़क पर ईद की नमाज़ नहीं' : चंद्रशेखर

 "हिंदू धर्म की आस्था है, 10 दिन कांवड़ चलता है, सारे होटल बंद होते हैं, अस्पताल बंद होते हैं, कई बार ऐसा होता है कि अस्पताल जाना होता है, लेकिन उस रास्ते जा नहीं पाते, कहीं और से अस्पताल जाते हैं, लेकिन उनकी आस्था को ठेस ना पहुंचे तो लोग सहते हैं, पर 20 मिनट अगर ईद वाले दिन नमाज़ हो रही है तो कहते हैं नमाज़ होने नहीं देंगे, क्या देश एक ही धर्म का है, क्या दूसरे धर्म के लोगों की इज़्ज़त नहीं है." आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर का ये बयान चर्चा में है.

ब्रिटेन: लेबर पार्टी को मिला बहुमत, स्टार्मर का प्रधानमंत्री बनना तय

 ब्रिटेन में लेबर पार्टी 14 साल बाद सत्ता में वापसी करने जा रही है. लेबर पार्टी सरकार बनाने के लिए ज़रूरी 326 सीटों का आँकड़ा पार कर चुकी है.

किएर स्टार्मर के नेतृत्व में लेबर पार्टी 1997 वाली बड़ी जीत की तरफ़ बढ़ रही है. शुरुआती नतीजों में लेबर पार्टी 384 सीटें जीत चुकी है जबकि मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी 92 सीटें ही अभी तक जीत सकी है.

ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री लेबर पार्टी के किएर स्टार्मर का बनना तय है. स्टार्मर 2020 में जर्मी कोर्बिन की जगह लेबर पार्टी के नए नेता चुने गए थे. एग्ज़िट पोल्स और शुरुआती रुझान बता रहे हैं किएर स्टार्मर का प्रधानमंत्री बनना तय है और 131 सीटों के साथ ये कंज़र्वेटिव पार्टी का सबसे ख़राब प्रदर्शन है.

2019 के चुनाव में 650 सीटों वाली संसद में कंजर्वेटिव पार्टी को 364 सीटों पर जीत मिली थी और बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री बने थे. उसे पिछली बार की तुलना में 47 सीटों का फ़ायदा हुआ था. लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल उलट है. ब्रिटेन में सरकार बनाने के लिए 326 सीटों का आँकड़ा पार करना होता है. 2019 के चुनाव में विपक्षी लेबर पार्टी की सीटों की संख्या घटकर 203 रह गई थी. यहाँ तक कि लेबर पार्टी अपनी कई पारंपरिक सीटें गँवा बैठी थी.

गुरुवार, 4 जुलाई 2024

अचानक सैलाब आया और परिवार के पांच लोग बह गए

 लोनावाला में एक बांध के झरने में बहाव अचानक तेज़ होने से एक ही परिवार के पांच लोग बह गए.

इसके बाद के दृश्य बेहद विचलित करने वाले हैं, इसलिए बीबीसी इन्हें दिखा नहीं रहा.

तेज़ बहाव में फंसे दस में से पांच लोगों को बचा लिया गया, जबकि पांच अन्य बह गए. इनमें से चार लोग पुणे के थे, जबकि बाकी लोग आगरा के रहने वाले थे और घूमने के लिए आए हुए थे.

बिहार में एक ही दिन में गिरे 5 पुल

 बिहार में पुलों का गिरना लगातार जारी है. राज्य में बुधवार को भी कम से कम 5 पुल गिर गए हैं. इनमें से सिवान ज़िले में छाड़ी नदी पर बने दो पुल शामिल हैं.

इसी नदी पर एक पुल तक जाने वाली सड़क बारिश में बह गई है. इससे फ़िलहाल यह पुल भी इस्तेमाल के लायक नहीं रह गया है.

बुधवार को ही राज्य के सारण ज़िले में गंडकी नदी पर बने दो नदी पुल गिर गए हैं. इन पुलों के गिरने से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं.

नेपाल: ओली फिर से प्रधानमंत्री बनने की ओर

 भारत के पड़ोसी देश नेपाल में नए राजनीतिक समीकरण बनने से मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड की कुर्सी ख़तरे में पड़ गई है.

पुष्प कमल दहाल प्रचंड की सरकार पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी सीपीएनयूएमएल के समर्थन से चल रही थी.

ओली के पार्टी ने प्रचंड से समर्थन वापस ले लिया है और नेपाली कांग्रेस से नया गठबंधन बना लिया है.

सीपीएनयूएमएल के उप महासचिव और नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली कहा है कि नेपाली कांग्रेस से समझौते के कारण हैं.

अफ़ग़ानिस्तान में सैन्य कार्रवाई के मूड में पाकिस्तान

 पाकिस्तान सरकार की ओर से हाल ही में सीमा पार अफ़ग़ानिस्तान के अंदर कार्रवाइयों के संकेत दिए जाने के बाद एक ओर जहाँ अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने इसे नासमझी भरा क़दम बताया है, वहीं सरकार को पाकिस्तान के अंदर भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

पाकिस्तानी प्रशासन के अनुसार, उन्होंने बार-बार अफ़ग़ानिस्तान को उन समूहों के बारे में बताया और सबूत दिए मगर तालिबान सरकार पाकिस्तान की आशंकाएं दूर न कर सकी और यह समूह ज़्यादा आज़ादी से अफ़ग़ानिस्तान से पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमले की योजना बना रहे हैं.

Limiting the Gandhi Family's Role

India's political system is democratic, with no constitutional bar on family involvement in politics. However, the Gandhi family's d...