गुरुवार, 25 जुलाई 2024
माइक्रोसॉफ़्ट के कंप्यूटरों में गड़बड़ी से बच गया चीन?
शुक्रवार को साइबर सिक्योरिटी फ़र्म क्राउडस्ट्राइक के एक अपडेट की वजह से माइक्रोसॉफ़्ट सिस्टम से चलने वाले कंप्यूटरों पर ब्लू स्क्रीन दिखाई देने लगे और दुनिया के कई हिस्सों में विमान सेवाएं और दूसरी बिज़नेस सर्विस बाधित होने लगीं तो चीन इससे बचा हुआ था.
आख़िर इसकी वजह क्या थी? चीन ने ऐसा क्या किया कि उस पर दुनिया भर में फैली इस अफ़रा-तफ़री का असर ना के बराबर हुआ. इसका जवाब बड़ा आसान है. दरअसल चीन में क्राउडस्ट्राइक का शायद ही इस्तेमाल होता है.
दंगों में पुलिस दोषियों को बचाने की कर रही है कोशिश: हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को 2020 दिल्ली दंगों में मारे गए 23 साल के फ़ैज़ान की हत्या का केस केंद्रीय जाँच ब्यूरो यानी सीबीआई को सौंप दिया.
इन दंगों में 53 लोगों की जान गई थी. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक़, मरने वालों में 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे. फ़ैज़ान इन 53 लोगों में से एक थे.
दंगों के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे कुछ पुलिसवाले पाँच लड़कों को पीटते नज़र आ रहे थे और उन्हें राष्ट्रगान गाने को कह रहे थे. फैज़ान उन पाँच लोगों में से एक थे.
बीजेपी में समीक्षा और चिंतन का दौर शुरू हुआ
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गहमागहमी लगातार बढ़ रही है. बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल करने में नाकाम रही और इसमें सबसे बड़ी भूमिका रही उत्तर प्रदेश की.
एक समय उत्तर प्रदेश में अपना वर्चस्व स्थापित करने वाली पार्टी बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर खिसक गई. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से ज़्यादा सीटें हासिल की. इसी के साथ बीजेपी में समीक्षा और चिंतन का दौर शुरू हुआ और कहीं न कहीं निशाने पर आ गए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. लोकसभा चुनाव के नतीजे ने ओबीसी वोट को लेकर बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. ओबीसी और दलित मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी से खिसक गया है.
इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी काफ़ी सक्रिय हो गए हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी के अंदर ओबीसी नेता काफ़ी चिंतित हैं.
राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का बदला गया नाम
राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ के नाम बदलकर ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ कर दिए गए हैं. राष्ट्रपति भवन से जारी एक प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों,‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ कर दिया है.”
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में ही राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाते रहे हैं. वहीं अशोक हॉल, सम्राट अशोक की स्मृति को समर्पित है. यह मूल रूप से एक बॉलरूम था.
ट्रंप ने चुनाव से पहले भारत पर साधा निशाना
डोनाल्ड ट्रंप जब 2016 में पहली बार राष्ट्रपति बने तो भारत की कई नीतियों पर अपनी आपत्ति जता चुके थे. एक बार फिर से वह चुनावी मैदान में हैं और भारत पर निशाना साधने लगे हैं. ये अलग बात है कि भारत के कुछ हिन्दूवादी संगठन ट्रंप को लेकर उत्साहित रहते हैं.
ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं और इन दिनों चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. पिछले हफ़्ते ही मिशिगन की एक चुनावी रैली में ट्रंप चीन पर बात करते हुए भारत की आर्थिक नीति पर बरस पड़े.
मंगलवार, 23 जुलाई 2024
नोएडा गोल्फ कोर्स: सचिव को नियमों के विरुद्ध सेवा विस्तार को लेकर विवाद
दर्पण संवाददाता: नोएडा प्राधिकरण की ही तरह नोएडा गोल्फ कोर्स भी विवादों की जगह बन गई है। आरोप है कि नोएडा गोल्फ कोर्स के सचिव का सेवा विस्तार सहित 6 वर्षों का कार्यकाल पूरा हो गया है तथा नियमों के अनुसार उन्हें एक भी दिन की अतिरिक्त तन्खा अथवा बिस्तर नहीं दिया जा सकता।
आरोप है कि इसके बावजूद मौजूदा सचिव हर प्रयास कर रहे हैं तथा सेवा विस्तार के लिए दो-तीन चक्कर लखनऊ तक के लगा चुके हैं। नोएडा गोल्फ कोर्स के नियमों के अनुसार नोएडा गोल्फ कोर्स के सचिव को केवल 3 वर्षों का ही एकमात्र सेवा विस्तार दिया जा सकता है जो दो माह पहले पूरा हो चुका है। गोल्फ कोर्स के मौजूद सदस्यों के अनुसार पिछले कई वर्षों से गोल्फ क्लब में AGM का आयोजन भी नहीं किया गया जिसमें क्लब के कार्य तथा वित्तीय लेखा जोखा प्रस्तुत किया जाता है जो कि गैरकानूनी है तथा सरकार को इससे अवगत करा दिया गया है। सदस्यों ने यह भी बताया कि अगर कोई नियमों में फेरबदल किया जाना है तो वह केवल और केवल एजीएम में ही किया जा सकता है।
गौरतलब है कि सचिव का पूरा कायर्काल विवादों में रहा है तथा कई सदस्यों के साथ सचिव मारपीट मारपीट कर चुके हैं वह कई बार क्लब में भी झगड़ा हो चुके हैं।
मंगलवार, 9 जुलाई 2024
★★★कौन कहता है कि भारत की खोज वास्को डी गामा ने की ,क्यों पढ़ाया जाता है फर्जी इतिहास।★★★
√●यह ऐतिहासिक पौराणिक लेख तीन विद्वानों द्वारा प्राचीन वाग्मय के आधार पर लिखा गया है संशोधित किया गया है जो प्राचीन ऐतिहासिक संदर्भों को प्रदर्शित करता है।
शनिवार, 6 जुलाई 2024
किएर स्टार्मर: ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री
14 साल बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी हो रही है और वो भी ऐतिहासिक जीत के साथ.
लेबर पार्टी अब तक 411 सीटें जीत चुकी है और ऋषि सुनक के नेतृत्व में कंज़र्वेटिव पार्टी 119 सीटें ही जीत सकी है. ब्रिटेन में 650 सीटों में से सरकार बनाने के लिए 326 सीटों का आँकड़ा पार करना होता है. यानी लेबर पार्टी को बहुमत मिल गया है.
सुधारवादी नेता मसूद पेज़ेश्कियान होंगे ईरान के नए राष्ट्रपति
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में सुधारवादी नेता मसूद पेज़ेश्कियान को जीत मिली है. उन्होंने कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को हरा दिया है. चुनाव नतीजों के मुताबिक़ अब तक गिने गए तीन करोड़ वोटों में से डॉ. मसूद पेज़ेश्कियान को 53.3 फ़ीसदी वोट मिले हैं जबकि जलीली को 44.3 फ़ीसदी वोट मिले हैं.
28 जून को पहले दौर की वोटिंग में किसी भी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला था.उस दौरा न ईरान में अब तक की सबसे कम 40 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी.
शुक्रवार, 5 जुलाई 2024
'कांवड़ियों के लिए जगह लेकिन सड़क पर ईद की नमाज़ नहीं' : चंद्रशेखर
"हिंदू धर्म की आस्था है, 10 दिन कांवड़ चलता है, सारे होटल बंद होते हैं, अस्पताल बंद होते हैं, कई बार ऐसा होता है कि अस्पताल जाना होता है, लेकिन उस रास्ते जा नहीं पाते, कहीं और से अस्पताल जाते हैं, लेकिन उनकी आस्था को ठेस ना पहुंचे तो लोग सहते हैं, पर 20 मिनट अगर ईद वाले दिन नमाज़ हो रही है तो कहते हैं नमाज़ होने नहीं देंगे, क्या देश एक ही धर्म का है, क्या दूसरे धर्म के लोगों की इज़्ज़त नहीं है." आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर का ये बयान चर्चा में है.
ब्रिटेन: लेबर पार्टी को मिला बहुमत, स्टार्मर का प्रधानमंत्री बनना तय
ब्रिटेन में लेबर पार्टी 14 साल बाद सत्ता में वापसी करने जा रही है. लेबर पार्टी सरकार बनाने के लिए ज़रूरी 326 सीटों का आँकड़ा पार कर चुकी है.
ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री लेबर पार्टी के किएर स्टार्मर का बनना तय है. स्टार्मर 2020 में जर्मी कोर्बिन की जगह लेबर पार्टी के नए नेता चुने गए थे. एग्ज़िट पोल्स और शुरुआती रुझान बता रहे हैं किएर स्टार्मर का प्रधानमंत्री बनना तय है और 131 सीटों के साथ ये कंज़र्वेटिव पार्टी का सबसे ख़राब प्रदर्शन है.
2019 के चुनाव में 650 सीटों वाली संसद में कंजर्वेटिव पार्टी को 364 सीटों पर जीत मिली थी और बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री बने थे. उसे पिछली बार की तुलना में 47 सीटों का फ़ायदा हुआ था. लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल उलट है. ब्रिटेन में सरकार बनाने के लिए 326 सीटों का आँकड़ा पार करना होता है. 2019 के चुनाव में विपक्षी लेबर पार्टी की सीटों की संख्या घटकर 203 रह गई थी. यहाँ तक कि लेबर पार्टी अपनी कई पारंपरिक सीटें गँवा बैठी थी.
गुरुवार, 4 जुलाई 2024
अचानक सैलाब आया और परिवार के पांच लोग बह गए
लोनावाला में एक बांध के झरने में बहाव अचानक तेज़ होने से एक ही परिवार के पांच लोग बह गए.
इसके बाद के दृश्य बेहद विचलित करने वाले हैं, इसलिए बीबीसी इन्हें दिखा नहीं रहा.
तेज़ बहाव में फंसे दस में से पांच लोगों को बचा लिया गया, जबकि पांच अन्य बह गए. इनमें से चार लोग पुणे के थे, जबकि बाकी लोग आगरा के रहने वाले थे और घूमने के लिए आए हुए थे.
बिहार में एक ही दिन में गिरे 5 पुल
बिहार में पुलों का गिरना लगातार जारी है. राज्य में बुधवार को भी कम से कम 5 पुल गिर गए हैं. इनमें से सिवान ज़िले में छाड़ी नदी पर बने दो पुल शामिल हैं.
इसी नदी पर एक पुल तक जाने वाली सड़क बारिश में बह गई है. इससे फ़िलहाल यह पुल भी इस्तेमाल के लायक नहीं रह गया है.
बुधवार को ही राज्य के सारण ज़िले में गंडकी नदी पर बने दो नदी पुल गिर गए हैं. इन पुलों के गिरने से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं.
नेपाल: ओली फिर से प्रधानमंत्री बनने की ओर
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में नए राजनीतिक समीकरण बनने से मौजूदा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड की कुर्सी ख़तरे में पड़ गई है.
पुष्प कमल दहाल प्रचंड की सरकार पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी सीपीएनयूएमएल के समर्थन से चल रही थी.
ओली के पार्टी ने प्रचंड से समर्थन वापस ले लिया है और नेपाली कांग्रेस से नया गठबंधन बना लिया है.
सीपीएनयूएमएल के उप महासचिव और नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली कहा है कि नेपाली कांग्रेस से समझौते के कारण हैं.
अफ़ग़ानिस्तान में सैन्य कार्रवाई के मूड में पाकिस्तान
पाकिस्तान सरकार की ओर से हाल ही में सीमा पार अफ़ग़ानिस्तान के अंदर कार्रवाइयों के संकेत दिए जाने के बाद एक ओर जहाँ अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने इसे नासमझी भरा क़दम बताया है, वहीं सरकार को पाकिस्तान के अंदर भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
पाकिस्तानी प्रशासन के अनुसार, उन्होंने बार-बार अफ़ग़ानिस्तान को उन समूहों के बारे में बताया और सबूत दिए मगर तालिबान सरकार पाकिस्तान की आशंकाएं दूर न कर सकी और यह समूह ज़्यादा आज़ादी से अफ़ग़ानिस्तान से पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमले की योजना बना रहे हैं.
Limiting the Gandhi Family's Role
India's political system is democratic, with no constitutional bar on family involvement in politics. However, the Gandhi family's d...
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धर्मपरिवर्तन का बनाया दबाव कानपुर में बजरिया निवासी युवक ने धर्म छिपाकर छात्रा से दोस्ती की। फिर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। इसके बा...




