जांच के लिए ED को होता है छापा मारने का अधिकार

 ED, CBI, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को मनी लॉन्ड्रिंग, इनकम टैक्स फ्रॉड या अन्य आपराधिक गतिविधियों में जांच, पूछताछ, छापेमारी करने और चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होता है।

ये एजेंसियां जब्त पैसे को अपनी कस्टडी में लेती हैं और फिर अदालत के आदेश से या तो उस पैसे को आरोपी को वापस कर दिया जाता है या फिर वो सरकार की संपत्ति बन जाता है।

ये पूरी प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। इसमें कई चरण होते हैं…

इस सवाल का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता से बात की।

विराग ने कहा, ‘’केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे-ED, CBI और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को किसी मामले की जांच के लिए छापा मारने का अधिकार होता है। इन एजेंसियों को जांच करने का जो अधिकार होता है, उसके दो हिस्से होते हैं- एक गिरफ्तारी और पूछताछ और दूसरा उससे संबंधित सबूत इकट्ठा करने के लिए छापेमारी।’’

''जांच एजेंसिया जो छापे मारती हैं वो अलग-अलग सूचनाओं पर आधारित होती हैं, इसलिए जरूरी नहीं है कि एक आरोपी के यहां एक ही बार छापा मारा जाए बल्कि छापेमारी कई चरणों में हो सकती है।''

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