बुधवार, 13 जनवरी 2021

श्री शारदा सर्वज्ञ पीठम

🚩जय सत्य सनातन🚩

🌥️ 🚩युगाब्द-५१२२ 

🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७७

⛅ 🚩तिथि - अमावस्या सुबह 10:29 तक तत्पश्चात प्रतिपदा

⛅ दिनांक 13 जनवरी 2021

⛅ दिन - बुधवार

⛅ सप्तर्षि संवत-५०९६, ⛅ विक्रम संवत - 2077

⛅ शक संवत - 1942

⛅ अयन - दक्षिणायन

⛅ ऋतु - शिशिर

⛅ मास - पौष

⛅ पक्ष - कृष्ण 

⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढा 14 जनवरी प्रातः 05:28 तक तत्पश्चात श्रवण

⛅ योग - हर्षण रात्रि 12:16 तक तत्पश्चात वज्र

⛅ राहुकाल - दोपहर 12:48 से दोपहर 02:10 तक

⛅ सूर्योदय - 07:19 

⛅ सूर्यास्त - 18:15 

⛅ दिशाशूल - उत्तर दिशा में

⛅ व्रत पर्व विवरण -

 💥 विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)


🌷 स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा की सुव्‍यवस्‍था 🌷

➡ 14 जनवरी 2021 गुरुवार को (पुण्यकाल सुबह 08:16 से शाम 04:16 तक) मकर संक्रान्‍ति (उत्तरायण) है।

🚩  मकर संक्रान्‍ति के दिन तिल गुड़ के व्‍यंजन और चावल में मूंग की दाल मिलाकर बनाई गई खिचड़ी का सेवन ऋतु-परिवर्तनजन्‍य रोगों से रक्षा करता है । इनका दान करने का भी विधान है ।

🚩  मकर संक्रान्‍ति पर्व पर तिल के उपयोग की महिमा: ‘’जो मकर संक्रांति में इन छह प्रकारों से तिलों का उपयोग करता है वह इहलोक और परलोक में वांछित फल पाता है – तिल का उबटन, तिलमिश्रित जल से स्‍नान, तिल-जल से अर्घ, तिल का होम, तिल का दान और तिलयुक्‍त भोजन । किंतु ध्‍यान रखें – रात्रि को तिल व उसके तेल से बनी वस्‍तुएं खाना वर्जित है ।‘’


🌷 उत्तरायण विशेष 🌷

🚩 जिनके जीवन में अर्थ का अभाव... पैसों की तंगी बहुत देखनी पड़ती है जिनको कोई बहुत परेशान कर रहा है जिनके शरीर में रोग रहते हैं ..मिटते नहीं हैं उन सभी के लिए ये योग बहुत सुन्दर है क्या करें ?

🚩 तपस्या कर सकें तो बहुत अच्छा है .. नमक -मिर्च नहीं खाना उस दिन आदित्यह्रदय स्त्रोत्र का पाठ भी जरुर करें ..जितना हो सके १/२/३ बार... जो आप चाहते हैं ...सुबह स्नान आदि करके श्वास गहरा लेके रोकना ...गायत्री मंत्र बोलना ...संकल्प करना ..."हम ये चाहते हैं प्रभु !...ऐसा हो .." फिर श्वास छोड़ना ... ऐसा ३ बार जरुर करें फिर अपना गुरु मंत्र का जप करें और सूर्य भगवन को अर्घ दें तो ये २१ मंत्र बोलें

🌷 ॐ सूर्याय नमः

🌷 ॐ रवये नमः

🌷 ॐ भानवे नमः

🌷 ॐ आदित्याय नमः

🌷 ॐ मार्तण्डाय नमः 

🌷 ॐ भास्कराय नमः

🌷 ॐ दिनकराय नमः

🌷 ॐ दिवाकराय नमः

🌷 ॐ मरिचये नमः

🌷 ॐ हिरणगर्भाय नमः

🌷 ॐ गभस्तिभीः नमः 

🌷 ॐ तेजस्विनाय नमः

🌷 ॐ सहस्त्रकिरणाय नमः 

🌷 ॐ सहस्त्ररश्मिभिः नमः

🌷 ॐ मित्राय नमः 

🌷 ॐ खगाय नमः

🌷 ॐ पूष्णे नमः 

🌷 ॐ अर्काय नमः

🌷 ॐ प्रभाकराय नमः

🌷 ॐ कश्यपाय नमः

🌷 ॐ श्री सवितृ सूर्य नारायणाय नमः

🚩 पौराणिक सूर्य भगवान की स्तुति का मंत्र अर्घ देने से पहले बोले :-

🌷 "जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।"

🚩 गाय को कुछ घास आदि डाल दें ।

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