किसानों और सरकार के बीच बुधवार को सातवें दौर की बातचीत में दो मुद्दों पर रजामंदी बन गई। हालांकि, दो बड़े मुद्दों- कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग और मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP पर लीगल गारंटी को लेकर अभी भी रजामंदी नहीं बन पाई है। इस बीच, किसानों का एक बड़ा संगठन भारतीय किसान यूनियन-उग्राहां बाकी यूनियनों से अलग रुख अपनाए हुए है। माना जा रहा है कि अगर किसान संगठनों के बीच टूट बढ़ी तो सरकार बचे हुए दो मुद्दों पर ना झुके।
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