बगावत पर उतरे सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री के पद से हटाने के साथ कांग्रेस ने अब बागियों से दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। ताकि दबाव में कुछ विधायक वापस गहलोत खेमे में लौट सके। बागियों की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटक रही है। इसी रणनीति क तहत गुड़ामालानी से विधायक व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी के बाड़मेर स्थित मकान के बाहर विधानसभा सचिवालय की तरफ से नोटिस चस्पा किए गए है। उनसे तीन दिन में जवाब पेश करने को कहा गया है। वहीं हेमाराम बार-बार अपने समर्थकों से कह रहे है कि वे किसी सूरत में भाजपा की सदस्यता ग्रहण नहीं करेंगे। उनका कहना है कि वे अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे है।
छठी बार विधायक बने हेमाराम चौधरी मंत्री पद नहीं मिलने के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे थे। वे अपनी नाराजगी कई बार सार्वजनिक रूप से प्रकट कर चुके है। सहज-सरल स्वभाव के धनी हेमाराम को सरहदी बाड़मेर में मजबूत जनाधार वाला नेता माना जाता है।
हेमाराम के नेहरू नगर स्थित मकान के बाहर चस्पा नोटिस में विधान सभा सचिवालय के सचिव अनिल कुमार माथुर की तरफ से कहा गया है कि विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने उनके खिलाफ एक याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता नियम लागू किया जाए। यानि हेमाराम की विधानसभा से सदस्यता समाप्त की जाए। इस नोटिस के साथ ही जोशी की तरफ से पेश याचिका की प्रतिलिपि भी चस्पा की गई है। हेमाराम से कहा गया है कि वे 17 जुलाई को दोपहर एक बजे तक विधानसभा अध्यक्ष के पास लिखित में अपनी जवाब प्रस्तुत करे। यदि तय समय तक इस नोटिस का जवाब पेश नहीं किया गया तो याचिका का निस्तारण कर दिया जाएगा।
बुधवार, 15 जुलाई 2020
राजस्थान :बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता पर लटकी तलवार
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