कर्ज देने वाली संस्था यूपीएफसी खुद कर्ज में डूबी

औधोगिक- व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को ऋण देने वाला उत्तर प्रदेश वित्त निगम( यूपीएफसी) खुद कर्ज में इस कदर डूबा की अब खुद नीलम होने के कदम पर है।  स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट ऑफ़ इंडिया (सीडबी)ने 661 करोड़ रूपए से अधिक की बकाया राशि जमा न करने पर उप्र वित्त निगम (यूपीएफसी) का मुख्यालय भवन और 50 फ्लैट नीलाम करने का फैसला लिया हैं।  28 नवंबर को इस कंपनी को नीलाम किया जायेगा। बुधवार को सिडबी के अधिकारिओ ने नोटिस चस्पा कर दिया। यूपीएफसी पर सीडबी का 661 करोड़ रूपए बकाया हैं।  इसमें से 372 करोड़ रूपए सीडबी यूपीएफसी को ऋण दे रखा है शेष राशि ब्याज के रूप में है।  यूपीएफसी ने तीन साल से एक भी रूपए सिडबी को नहीं दिया है। अगस्त 2017 में वसूली अभिकरण के आदेश पर सिडबी ने यूपीएफसी मुख्यालय और आगरा वाराणसी के शिवपुरी व सिगरा, कानपूर के विष्णुपूरी स्थित फ्लैट कर्क कर लिए थे।  इसके बाद साशन में बैठेक में तय किया गया कि एकमुश्त समाधान योजना के तहत सिडबी को 275 करोड़ रूपए दिए जायेंगे। यह राशि किस्तों में होगी। तब सिडबी ने कहा था कि उसे तत्काल सरकार 50 करोड़ रूपए दे।  शेष राशि उसे तीन साल में मिल जाएगी इसकी गेरंटी ले लेकिन ऐसा नहीं हो सका।  सम्पत्तिया कर्क करने के विरुद्ध यूपीएफसी प्रबंधक हाईकोर्ट गया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। यही वजह है की अभिकरण के आदेश पर सिडबी सम्पत्तियो को नीलाम करने जा रहा हैं।   


 


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