बुधवार, 14 जून 2023

कारोबारी से 50 किलो चांदी लूटने वाला इंस्पेक्टर बर्खास्त

 लूट में शामिल थे 7 पुलिस वाले 

अभी तक लुटेरे पुलिस वालों पर एफ आई आर दर्ज नहीं की गई 

यह है हमारे 'देश की पुलिस' 

कानपुर। बांदा के सर्राफा कारोबारी से 50 किलो चांदी लूटने वाले पुलिस वाले लुटेरों में से एक इंस्पेक्टर अजय पाल सिंह को जेल भेज दिया है। एडीजे प्रशांत कुमार ने मामले का संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की। 

इस मामले में दरोगा चिंतन कौशिक व हैड कांस्टेबल राम शंकर यादव बर्खास्त किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि इसी माह 6 जून को हमारे देश/ प्रदेश की काबिल पुलिस ने कारोबारी से 50 किलो चांदी लूट ली थी तथा बाद में जांच के दौरान पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस वालों से से ही लूट का माल बरामद किया था। पूरे मामले में अहम बात यह है कि अब पुलिस वाले ही लूट/ डकैती/ फिरौती आदि घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।  इससे पहले गाजियाबाद की एक महिला इंस्पेक्टर ने एटीएम लूट की घटना को अंजाम दिया था तथा नौकरी पर वापस भी आ गई है। 

रिश्वतखोरी के एक केस में विभाग के 5 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव नारायण मिश्रा, अजयपाल शर्मा सहित कई अन्य अधिकारियों पर इल्जाम लगा था, लेकिन विभागीय जांच में किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की, उल्टा उन्हें अच्छी पोस्टिंग देकर इनाम दे दिया। आईपीएस राजीव मिश्रा को बनारस पीएसी का कमांडेंट और अजय शर्मा को एसएसपी बना दिया। अन्य अधिकारी भी सेवा में वापस आ गए ताकि जनता को दोबारा लूटा जा सके। प्रदेश में पुलिस वालों का आज आतंक है और बड़े से बड़े अपराध को यह लोग डकैतों की तरह अंजाम देने से नहीं चूक रहे। 

रिश्वतखोरी: जिला आबकारी अधिकारी निलंबित

लखनऊ। आबकारी राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल ने मऊ के जिला आबकारी अधिकारी जेजे प्रसाद को निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ रिश्वत मांगे जाने की शिकायत प्राप्त हो रही थी और जांच के उपरांत उन्हें दोषी पाया गया। इससे पहले भी कई आबकारी अधिकारियों के खिलाफ इसी प्रकार की शिकायतें थी और कई अधिकारी सपा सरकार के दौरान काफी चर्चित भी रहे, लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई जांच नहीं की गई और ना ही उन्हें निलंबित किया गया है। 

सपा सरकार के दौरान एक आबकारी अधिकारी काफी चर्चित भी रहा था, रिश्वतखोरी के साथ साथ मुख्यमंत्री से पहचान की हनक भी दिखाई जाती थी। 

ईपीएफओ अधिकारी 12 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार

नई दिल्ली। सीबीआई ने एक अस्पताल से 1200000 रुपए की रिश्वत लेते ईपीएफओ अधिकारी को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के अनुसार ऋषि राज नाम के इस अधिकारी ने दिल्ली के अस्पताल का निरीक्षण किया व प्रबंधन को सूचित किया कि अस्पताल के रिकॉर्ड में बहुत सारी गलतियां हैं तथा 15 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा, मामला अगर निपटाना है तो 20% रिश्वत देनी होगी। बाद में मामला 1200000 में तय हुआ। 

मामला सीबीआई के संज्ञान में आने पर सीबीआई ने जाल बिछा कर आरोपी को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। ठीक ऐसा ही हाल अन्य कार्यालयों का भी है, जहां पर इसी प्रकार से कारोबारियों को लूटा जा रहा है। कोई ना कोई टेक्निकल गलती निकाल कर कारोबारियों से सौदा किया जाता है इससे बचने के लिए कारोबारी पैसे दे देता है। इसी प्रकार की शिकायतें नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव से काफी तादाद में है जहां पर कारोबारी ने इस तरह की कई घटनाओं का जिक्र तो किया लेकिन शिकायत दर्ज नहीं करवाई। 

Limiting the Gandhi Family's Role

India's political system is democratic, with no constitutional bar on family involvement in politics. However, the Gandhi family's d...