*🚩जय सत्य सनातन🚩*
🌥️ *🚩युगाब्द-५१२३*
🌥️ *🚩विक्रम संवत-२०७८*
⛅ *🚩तिथि - दशमी शाम 06:04 तक तपश्चात एकादशी*
*⛅ दिनांक 27 मार्च 2022*
*⛅ दिन - रविवार*
*⛅ शक संवत - 1943*
*⛅ अयन - उत्तरायण*
*⛅ ऋतु - वसंत*
*⛅ मास - चैत्र*
*⛅ पक्ष - कृष्ण*
*⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा दोपहर 01:32 तक तपश्चात श्रवण*
*⛅योग - शिव रात्रि 08:16 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅ राहुकाल - शाम 5:21 से 06:53 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:37*
*⛅ सूर्यास्त - 06:53*
*⛅चन्द्रोदय - रात्रि 04:04 (28 तरीख सुबह)*
*⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅विजय मुहूर्त - अपरान्ह 2:48 से 3:37 तक*
*⛅अमृत काल - सुबह 07:28 से 08:59 तक*
*⛅गोधूलि मुहूर्त - शाम 6:41 से 7:05 तक*
*⛅सायह्न सन्ध्या - शाम 6:53 से रात्रि 8:03 तक*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05:03 से 05:50 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12.21 से 01:08 तक*
*⛅ विशेष - दशमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।*
*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*💥रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए। तिल का तेल खाना और लगाना , तुलसी पत्ता तोड़ना, आँवला सेवन निषिद्ध है।*
*💥स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
➡ *27 मार्च 2022 रविवार को शाम 06:05 से 28 मार्च सोमवार को अपरान्ह 04:15 तक पापमोचनी एकादशी हैं ।*
*💥 *विशेष - 28 मार्च सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
🌹 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌹
🌹 *एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
🌹 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🌹 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🌹 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🌹 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🌹 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🌹 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🌹 *एकादशी के दिन करने योग्य*🌹 *एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🌹 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे*🌹 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा*
🕉️


*
*
दिन का चौघड़िया
पेट सम्बन्धी तकलीफों में
*विद्यार्थी अध्ययन-कक्ष में अपने इष्टदेव या गुरुदेव का श्रीविग्रह अथवा स्वस्तिक या ॐकार का चित्र रखें तथा नियमित अध्ययन से पूर्व उसे १०-१५ मिनट अपनी आँखों की सीध में रखकर पलकें गिराये बिना एकटक देखें अर्थात त्राटक करें | इससे पढ़ाई में आशातीत लाभ होता हैं |*




