सोमवार, 15 नवंबर 2021

*🚩श्री शारदा सर्वज्ञ पीठम🚩*

*🚩जय सत्य सनातन🚩*

 🌥️ *🚩युगाब्द-५१२३

🌥️ *🚩सप्तर्षि संवत-५०९७   *🌥️  *🚩विक्रम संवत-२०७८*

⛅ *🚩तिथि - द्वादशी पूर्ण रात्रि तक*

⛅ *दिनांक - १५ नवंबर २०२१*

⛅ *दिन - सोमवार*

⛅ *शक संवत -१९४३*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शरद

⛅ *मास - कार्तिक*

⛅ *पक्षशुक्ल

⛅ *नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद शाम ०६:०९ तक तत्पश्चात रेवती*

⛅ *योग - वज्र १६ नवंबर रात्रि ०१:३६ तक तत्पश्चात सिद्धि*

⛅  *राहुकाल - सुबह ०८:१३ से सुबह ०९:३६ तक*

⛅ *सूर्योदय - ०६:५०

⛅ *सूर्यास्त - १७:५५*

⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी (भागवत), तुलसी विवाह प्रारंभ, चातुर्मास समाप्त, पंढरपुर यात्रा, द्वादशी वृद्धि तिथि*

💥 *विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः २७-२९-३४)*

 

🌷 *आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो* 🌷

*16 नवम्बर 2021 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है *

🌹 *किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :*

👉🏻 *ये मंत्र बोले :–*

🌷 * भौमाय नमः*

🌷 * मंगलाय नमः*

🌷 * भुजाय नमः*

🌷 * रुन्ह्र्ताय नमः*

🌷 * भूमिपुत्राय नमः*

🌷 * अंगारकाय नमः*

👉🏻 *और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-*

🌷 *धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |*

*कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||*

 

 🌷 *कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत* 🌷

🌹 *त्रयोदशी को मंगलवार  उसे भौम प्रदोष कहते हैं ....इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है | मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –*

🌷 *मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्।* *जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।।*     

 

🌷 *विष्णुपदी संक्रांति* 🌷

*जप तिथि : 16 नवम्बर 2021 मंगलवार को ( विष्णुपदी संक्रांति )*

*पुण्य काल सूर्योदय से दोपहर 01:04 तक |*

🌹 *विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)*

       

🌷 *कार्तिक मास के अंतिम 3 दिन दिलाएं महा पुण्य पुंज*

🌹 *कार्तिक मास में सभी दिन अगर कोई स्नान ना कर पाए तो  त्रयोदशी, चौदस और पूनम ये तीन दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लेने से पूरे कार्तिक मास के स्नान के पुण्यो की प्राप्ति होती है l*

🌹 *इन तीन दिन विष्णु सहस्रनाम पाठ और गीता का पाठ भी अत्यंत प्रभावशाली और पुण्यदायी है l*

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शुक्रवार, 12 नवंबर 2021

जल पंपों पर चल रही रोड़ी -बदरपुर की दुकाने

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण द्वारा बनाई गए कई पंपों पर रोड़ी बदरपुर की दुकान चलाई जा रही है। गौरतलब है कि इन पंपों पर तैनात कर्मचारी ज्यादा नदारद रहते हैं और रोड़ी बदरपुर बेचने वाले इन पंपों को चला रहे हैं। नोएडा सेक्टर 19 सी ब्लॉक में बने एक पंप जिसकी तस्वीर भी ली गई है, के सामने रोड़ी  बदरपुर का ढेर लगाकर दुकान सजी हुई है और बाउंड्री के अंदर से सीमेंट रखकर बेचा जा रहा है । नोएडा में बहुत सारे ऐसे पंप है जहां पर दुकानें चल रही हैं और पंप पर तैनात कर्मचारी इन से किराया तक वसूल रहे हैं 

*🚩श्री शारदा सर्वज्ञ पीठम🚩*

 *🚩जय सत्य सनातन🚩*

 🌥️ *🚩युगाब्द-५१२३

🌥️ *🚩सप्तर्षि संवत-५०९७--–-     🌥️    *🚩विक्रम संवत-२०७८*

⛅ *🚩तिथि - नवमी १३ नवम्बर प्रातः ०५:३१ तक तत्पश्चात दशमी*

⛅ *दिनांक - 12 नवंबर २०२१*

⛅ *शक संवत -१९४३*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शरद

⛅ *मास - कार्तिक*

⛅ *पक्षशुक्ल

⛅ *नक्षत्र - धनिष्ठा दोपहर ०२:५४ तक तत्पश्चात शतभिषा*

⛅ *योग - ध्रुव १३ नवंबर रात्रि ०३:१७ तक तत्पश्चात व्याधात*

⛅  *राहुकाल - सुबह १०:५९ से दोपहर १२:३३ तक*

⛅ *सूर्योदय - ०६:४८

⛅ *सूर्यास्त - १७:५६*

⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - ब्रह्मलीन भगवत्पाद साँईं लीलाशाहजी महाराज का महानिर्वाण दिवस, कुष्मांड नवमी, अक्षय-आँवला नवमी*

💥 *विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः २७-२९-३४)*

      

🌷 *आँवला (अक्षय) नवमी* 🌷

*१२ नवम्बर २०२१ शुक्रवार को आँवला (अक्षय) नवमी है *

🌹 *नारद पुराण के अनुसार

🌷 *कार्तिके शुक्लनवमी याऽक्षया सा प्रकीर्तता तस्यामश्वत्थमूले वै तर्प्पणं सम्यगाचरेत् ।।*११८-२३ ।।*

*देवानां ऋषीणां पितॄणां चापि नारद स्वशाखोक्तैस्तथा मंत्रैः सूर्यायार्घ्यं ततोऽर्पयेत् ।। ११८-२४ ।।*

*ततो द्विजान्भोजयित्वा मिष्टान्नेन मुनीश्वर स्वयं भुक्त्वा विहरेद्द्विजेभ्यो दत्तदक्षिणः ।। ११८-२५ ।।*

*एवं यः कुरुते भक्त्या जपदानं द्विजार्चनम् होमं सर्वमक्षय्यं भवेदिति विधेर्वयः ।। ११८-२६ ।।*

🍏 *कार्तिक मास के शुक्लपक्ष में जो नवमी आती है, उसे अक्षयनवमी कहते हैं। उस दिन पीपलवृक्ष की जड़ के समीप देवताओं, ऋषियों तथा पितरों का विधिपूर्वक तर्पण करें और सूर्यदेवता को अर्घ्य दे। तत्पश्च्यात ब्राह्मणों को मिष्ठान्न भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा दे और स्वयं भोजन करे। इस प्रकार जो भक्तिपूर्वक अक्षय नवमी को जप, दान, ब्राह्मण पूजन और होम करता है, उसका वह सब कुछ अक्षय होता है, ऐसा ब्रह्माजी का कथन है।*

👉🏻 *कार्तिक शुक्ल नवमी को दिया हुआ दान अक्षय होता है अतः इसको अक्षयनवमी कहते हैं।*

🌹 *स्कन्दपुराण, नारदपुराण आदि सभी पुराणों के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी युगादि तिथि है। इसमें किया हुआ दान और होम अक्षय जानना चाहिये प्रत्येक युग में सौ वर्षों तक दान करने से जो फल होता है, वह युगादि-काल में एक दिन के दान से प्राप्त हो जाता हैएतश्चतस्रस्तिथयो युगाद्या दत्तं हुतं चाक्षयमासु विद्यात् युगे युगे वर्षशतेन दानं युगादिकाले दिवसेन तत्फलम्॥”*

🌹 *देवीपुराण के अनुसार कार्तिक शुक्ल नवमीको व्रत, पूजा, तर्पण और अन्नादिका दान करनेसे अनन्त फल होता है।*

🍏 *कार्तिक शुक्ल नवमी कोधात्री नवमी’ (आँवला नवमी) औरकूष्माण्ड नवमी’ (पेठा नवमी अथवा सीताफल नवमी) भी कहते है। स्कन्दपुराण के अनुसार अक्षय नवमी को आंवला पूजन से स्त्री जाति के लिए अखंड सौभाग्य और पेठा पूजन से घर में शांति, आयु एवं संतान वृद्धि होती है।*

🍏 *आंवले के वृक्ष में सभी देवताओं का निवास होता है तथा यह फल भगवान विष्णु को भी अति प्रिय है। अक्षय नवमी के दिन अगर आंवले की पूजा करना और आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन बनाना और खाना संभव नहीं हो तो इस दिन आंवला जरूर खाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि को आंवले के पेड़ से अमृत की बूंदे गिरती है और यदि इस पेड़ के नीचे व्यक्ति भोजन करता है तो भोजन में अमृत के अंश जाता है। जिसके प्रभाव से मनुष्य रोगमुक्त होकर दीर्घायु बनता है। चरक संहिता के अनुसार अक्षय नवमी को आंवला खाने से महर्षि च्यवन को फिर से जवानी यानी नवयौवन प्राप्त हुआ था।*

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बुधवार, 10 नवंबर 2021

*🚩श्री शारदा सर्वज्ञ पीठम🚩*

 *🚩जय सत्य सनातन🚩*

 🌥️ *🚩युगाब्द-५१२३

🌥️ *🚩सप्तर्षि संवत-५०९७      ***🌥️   *🚩विक्रम संवत-२०७८*

⛅ *🚩तिथिपंचमी सुबह १०:३५ तक तत्पश्चात षष्ठी*

⛅ *दिनांक - ०९ नवंबर २०२१*

⛅ *दिन - मंगलवार*

⛅ *शक संवत -१९४३*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शरद

⛅ *मास - कार्तिक*

⛅ *पक्षशुक्ल

⛅ *नक्षत्रपूर्वाषाढा शाम ०५:०० तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*

⛅ *योग - धृति दोपहर १२:०७ तक तत्पश्चात शूल*

⛅  *राहुकाल - शाम ०३:११ से शाम  शाम ०४:३५ तक*

⛅ *सूर्योदय - ०६:४६

⛅ *सूर्यास्त - १७:५७*

⛅ *दिशाशूल - उत्तर  दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - लाभ पंचमी, श्री- सौभाग्य- पांडव- ज्ञान पंचमी*

💥 *विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः २७-२९-३४)*

 

🌷 *ठंडे तेल से सावधान* 🌷

💥 *बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) अस्पताल में हुए शोध से यह बात सामने आयी है कि सिर में ठंडा तेल लगाने की आदत से आँखों की रोशनी जा सकती है | सिरदर्द के ३०० मरीजों पर हुए शोध में पाया गया कि ठंडा तेल दिमाग की नसों को गलाकर लोगों को अंधा बना रहा है | ये सभी पाँच सालों से ठंडा तेल लगा रहे थे | इनमें ३० प्रतिशत लोगों को मिर्गी के दौरे आने लगे हैं | बाकी लोगों का माइग्रेन तेजी से बढ़ रहा हैं |*

 

*10 नवम्बर 2021 बुधवार को संत श्री जलाराम बापा जयंती है *

🌹 *जलाराम बापा का जन्म सन्‌ 1799 में गुजरात के राजकोट जिले के वीरपुर गॉंव में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रधान ठक्कर और मॉं का नाम राजबाई था। बापा की माँ एक धार्मिक महिला थी, जो साधु-सन्तों की बहुत सेवा करती थी। उनकी सेवा से प्रसन्न होकर संत रघुवीर दास जी ने आशीर्वाद दिया कि उनका दुसरा प़ुत्र जलाराम ईश्वर तथा साधु-भक्ति और सेवा की मिसाल बनेगा।*

🌹 *16 साल की उम्र में श्री जलाराम का विवाह वीरबाई से हुआ। परन्तु वे वैवाहिक बन्धन से दूर होकर सेवा कार्यो में लगना चाहते थे। जब श्री जलाराम ने तीर्थयात्राओं पर निकलने का निश्चय किया तो पत्नी वीरबाई ने भी बापा के कार्यो में अनुसरण करने में निश्चय दिखाया। 18 साल की उम्र में जलाराम बापा ने फतेहपूर के संत श्री भोजलराम को अपना गुरू स्वीकार किया। गुरू ने गुरूमाला और श्री राम नाम का मंत्र लेकर उन्हें सेवा कार्य में आगे बढ़ने के लिये कहा, तब जलाराम बापा नेसदाव्रतनाम की भोजनशाला बनायी जहॉं 24 घंटे साधु-सन्त तथा जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया जाता था। इस जगह से कोई भी बिना भोजन किये नही जा पाता था। वे और वीरबाई मॉं दिन-रात मेहनत करते थे।*

🌹 *बीस वर्ष के होते तक सरलता भगवतप्रेम की ख्याति चारों तरफ फैल गयी। लोगों ने तरह-तरह से उनके धीरज या धैर्य, प्रेम प्रभु के प्रति अनन्य भक्ति की परीक्षा ली। जिन पर वे खरे उतरे। इससे लोगों के मन में संत जलाराम बापा के प्रति अगाध सम्मान उत्पन्न हो गया। उनके जीवन में उनके आशीर्वाद से कई चमत्कार लोगों ने देखें। जिनमे से प्रमुख बच्चों की बीमारी ठीक होना निर्धन का सक्षमता प्राप्त कर लोगों की सेवा करना देखा गया। हिन्दु-मुसलमान सभी बापा से भोजन आशीर्वाद पाते। एक बार तीन अरबी जवान वीरपुर में बापा के अनुरोध पर भोजन किये, भोजन के बाद जवानों को शर्मींदगी लगी, क्योंकि उन्होंने अपने बैग में मरे हुए पक्षी रखे थे। बापा के कहने पर जब उन्होंने बैग खोला, तो वे पक्षी फड़फड़ाकर उड़ गये, इतना ही नही बापा ने उन्हें आशीर्वाद देकर उनकी मनोकामना पूरी की। सेवा कार्यो के बारे में बापा कहते कि यह प्रभु की इच्छा है। यह प्रभु का कार्य है। प्रभु ने मुझे यह कार्य सौंपा है इसीलिये प्रभु देखते हैं कि हर व्यवस्था ठीक से हो सन्‌ 1934 में भयंकर अकाल के समय वीरबाई मॉं एवं बापा ने 24 घंटे लोगों को खिला-पिलाकर लोगों की सेवा की। सन्‌ 1935 में माँ ने एवं सन्‌ 1937 में बापा ने प्रार्थना करते हुए अपने नश्वर शरीर को त्याग दिया।*

🌹 *आज भी जलाराम बापा की श्रद्धापूर्वक प्रार्थना करने पर लोगों की समस्त इच्छायें पूर्ण हो जाती है। उनके अनुभवपर्चानाम से जलाराम ज्योति नाम की पत्रिका में छापी जाती है। श्रद्धालुजन गुरूवार को उपवास कर अथवा अन्नदान कर बापा को पूजते हैं।*

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Limiting the Gandhi Family's Role

India's political system is democratic, with no constitutional bar on family involvement in politics. However, the Gandhi family's d...